Monday, April 2, 2012

पुलिस इंस्पेक्टर का लव लैटर (रसीले प्रेम पत्र-1)

डी. एस. पी. (डब्बू, शामू और पप्पू) की माँ,
सदा ख़बरदार रहो,

तुम्हारे घर से मौकाए-फरार हुए पुरे तीन हफ्ते हो चुके है. मैंने तुम्हे सिर्फ दो हफ्तों की मोहलत दी थी मगर मियाद पूरी होने के बावजूद तुम वापस नहीं लौटी इसलिए मैं तुम्हे इस ख़त के रूप में वार्रेंट भेज रहा हूँ, मैं तुम्हे आखरी वार्निंग देता हूँ अगर ख़त मिलने के बाद दो दिन के अन्दर डी. एस. पी. सहित तुमने अपने आपको मेरे हवाले नहीं किया तो मैं ससुराल में छापा मारने पहुँच जाऊंगा.

तुम नहीं जानती डी. एस. पी. की माँ कि तुम्हारे बिना ये घर सूनी हवालात सा लगता है. तुम्हारी शक्की नजरो कि कसम बगैर तुम्हारे न मेरा दिल पीनो को करता है (रम) न खाने को (रिश्वत). तुम्हारे गम में मैं गुंडों को पीटता रहता हूँ.
दिन भर तुम्हारी यादो में खोया रहता हूँ,
रात भर ड्यूटी पे सोया रहता हूँ.
इसिलए मेरे इलाके में चोरिया, डकैतिया, लूटमार बढ गयी है. चोर-उच्चको कि मौज आ गयी है. वो साले हरामखोर (तुम्हारे भाई नहीं) मुझ से पूछे बिना जनता को लूट रहे है. यह मैं हर्गिस बर्दास्त नहीं कर सकता इसिलए तुम्हारी खैरियत इसी में है कि तुम फ़ौरन अपने माइके का इलाका छोड़ दो वर्ना........

तुम्हारा रौबदार पति,
गर्जन सिंह
धमकीपुर.

1 comment:

Carnage said...

hahahaha epic ... I wish i could write that kinda letter to my wife .. (if was married :P )