Friday, December 14, 2012

भारत बनाम इंडिया (India Vs. Bharat)



भारत में गांव है, गली है, चौबारा है।
इंडिया में सिटी है, माल है, पंचतारा है।

भारत में घर है, चबूतरा है, दालान है।
इंडिया में फ्लैट और मकान है।

भारत में काका है, बाबा है, दादा है, दादी है।
इंडिया में अंकल आंटी की आबादी है।

भारत में खजूर है, जामुन है, आम है।

इंडिया में मैगी, पिज़्ज़ा, माजा का नकली आम है।

भारत में मटके है, दोने है, पत्तल है।

इंडियामें पालीथीन, वाटर व वाइन की बोतल है।

भारत में गाय है, गोबर है, कंडे है।

इंडिया में सेहत नाशी चिकन बिरयानी व अन्डे है।

भारत में दूध है, दही है, लस्सी है।

इंडिया में खतरनाक विस्की, कोक व पेप्सी है।

भारत में रसोई है, आंगन है, तुलसी है।

इंडिया में रूम है, कमोड की कुर्सी है।

भारत में कथड़ी है, खटिया है, खर्राटे है।

इंडिया में बेड है, डनलप है और करवटें है।

भारत में मंदिर है, मंडप है, पंडाल है।

इंडियामें पब है, डिस्को है, हॉल है।

भारत में गीत है, संगीत है, रिदम है।

इंडिया में डांस है, पॉप है, आइटम है।

भारत में ममेरी, फुफेरी, चचेरी बहन है।

इंडिया में सब के सब कजन है।

भारत में पीपल है, बरगद है, नीम है।

इंडियामें ड्राइंग रूम की वाल पर ये सीन है।

भारत में आदर है, प्रेम है, सत्कार है।

इंडिया में स्वार्थ, नफ़रत और दुत्कार है।

भारत में हजारो भाषा है, बोली है।

इंडियामें एक अंग्रेजी ही बडबोली है।

भारत सीधा है, सहज है, सरल है।

इंडिया धूर्त है, चालाक है, कुटिल है।

भारत में संतोष है, सुख है, चैन है।

इंडिया बदहवास, दुखी, बेचैन है।

क्यों कि...................

भारत को देवो ने, वीरो ने रचाया है। 
इंडिया को लालची अंग्रेजो ने बसाया है।
 
(जालंधर से प्रकाशित 'पथिक सन्देश' के अक्टूबर माह से अवतरित)